!!! आत्म मुक्ति के तीन चरण है ...
शीलाचार, ध्यान और ज्ञान , शीलों का आचरण करने से
ध्यान साधना बढ़ती है, ध्यान साधना से ज्ञान का उदय होता है
जिससे शीलों का गहन आचरण करना संभव होता है…
इससे हमें लोभ, क्रोध और अज्ञान से मुक्त होकर
आत्म मुक्ति, शांति और आनंद की प्राप्ति कर सकते है… !!!
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